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नौनिहालों का पर्व

"नौनिहालों का पर्व" एक महत्वपूर्ण बाल साहित्यिक पत्रिका है, जिसका उद्देश्य बालकों के सृजनात्मकता और कला के क्षेत्र में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना है। यह पत्रिका विशेष रूप से उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र के बच्चों के बीच रचनात्मकता को बढ़ावा देने और उन्हें साहित्यिक तथा सांस्कृतिक पहचान प्रदान करने के लिए समर्पित है।

यह पत्रिका बाल साहित्य की विविध विधाओं में कार्य करती है, जिसमें कविताएं, कहानियां, निबंध, चित्रकला, और अन्य साहित्यिक रचनाओं का समावेश होता है। "नौनिहालों का पर्व" बच्चों में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ उन्हें अपनी कृतियों को व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, जिससे उनकी प्रतिभाओं को समाज के सामने लाया जा सके।

पत्रिका का प्रमुख उद्देश्य बच्चों में रचनात्मकता के गुणों को विकसित करना, उनके मानसिक और भावनात्मक विकास को प्रेरित करना, तथा उन्हें अपनी कला और साहित्य के माध्यम से आत्म-प्रकाश की दिशा में मार्गदर्शन करना है। इसके अतिरिक्त, यह पत्रिका बच्चों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने, स्थानीय परंपराओं और काव्य-कला के प्रति उनके मन में सम्मान और अभिमान उत्पन्न करने का प्रयास भी करती है।

पर्व प्रवाह

"पर्वप्रवाह" एक विशिष्ट पत्रिका है, जो साहित्य, संस्कृति, इतिहास, कला और विरासत के विभिन्न पहलुओं को प्रोत्साहित करने और उन्हें पहचान दिलाने का कार्य करती है। इस पत्रिका का उद्देश्य भारत के विभिन्न हिस्सों की सांस्कृतिक धरोहर, परंपराओं, और ऐतिहासिक तत्वों को उजागर करना और उन्हें एक नई पहचान प्रदान करना है।

भारत एक विविधता से भरा हुआ देश है, जहां की सांस्कृतिक धारा ने विभिन्न कालों और क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। "पर्वप्रवाह" इस देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, इतिहास, कला, और लोककला को सहेजने और प्रोत्साहित करने के साथ-साथ इनसे जुड़ी हुई नयी जानकारियों और विचारों को समाज तक पहुँचाने का कार्य करती है। पत्रिका में साहित्य, चित्रकला, संगीत, शिल्पकला, लोककला, और स्थापत्य कला जैसे विविध विषयों पर लेख, शोध, और सामग्रियां प्रकाशित की जाती हैं, जो पाठकों को सांस्कृतिक जागरूकता और गहरे अध्ययन की दिशा में प्रेरित करती हैं।

"पर्वप्रवाह" का उद्देश्य न केवल पुराने और पारंपरिक सांस्कृतिक तत्वों को पुनर्जीवित करना है, बल्कि साथ ही साथ उन्हें नए दृष्टिकोण से समझना और प्रस्तुत करना भी है, ताकि युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम प्राप्त हो। यह पत्रिका हमारे इतिहास और कला की विभिन्न परंपराओं को एक सशक्त मंच प्रदान करती है, जो न केवल भारत के बल्कि विश्वभर में हमारे सांस्कृतिक महत्व को नई पहचान दिलाती है।